माँ का दूसरा रूप ब्रह्मचारिणी का है ,जिसका शाब्दिक अर्थ है -‘ब्रह्मा का-सा आचरण करने वाली’। ‘ब्रह्मा’ का एक अर्थ तपस्या भी है, इसलिए ब्रह्मचारिणी को ‘तपश्चरिणी’ भी कहा जाता है । प्रतीक के रूप में इनके बाएँ हाथ में कमंडल और दाहिने हाथ में जप की माला दी गई […]
धर्मदर्शन
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