चकाचौंध रोशनी में नहाया राधेश्याम जी का घर ऐसा लग रहा था-मानो दीपावली आज ही हो। मेहमानों से भरा हुआ घर,सभी हर्षोउल्लास से भरे थे। राधेश्याम जी के सीढ़ियों से उतरते  ही सभी तालियों से उनका स्वागत करने लगे। आखिर क्यूँ न हो,साहित्य के बड़े सम्मान से उनको आज ही […]

धधक उठी ज्वाला जौहर की,राजस्थान कहानी थी। रतन सिंह मन-प्रेम पदमिनी,वो मेवाड़ की रानी थी॥ गन्धर्वराज घर की किलकारी,चम्पावती की मन ज्योति। सिंहलद्वीप की राजरागिनी,स्त्री की थी उच्चतम कोटि॥ सुंदरता तन में भी अनुपम,मन बुद्धि संग जीत मनोति। रतन सेन को भान हुआ तो,बनी वो प्रेम कहानी थी॥ धधक उठी […]

कलम पूजते हम श्रद्धा से, ये हथियार हमारे हैं। बहुत क्रांति रची है इनसे, अगणित अरिदल मारे हैं॥ शोणित नहीं बहाया इसने, और न खुद पर दाग लिया। मिले सारथी जब-जब उत्तम, सारे दुश्मन हारे हैं॥            #अवधेश कुमार ‘अवध’ Post Views: 378

इन दिनों प्रायः देश के किसी-न-किसी भाग से गांव में घुस आए बाघ,हाथी आदि जंगली जानवरों की चर्चा होती रहती है। बस्ती के आसपास मित्र की तरह रहने वाले कुत्ते और बंदरों का आतंक भी यदा-कदा सुनने को मिलता रहता है। कुछ राज्य सरकारें इनकी नसबंदी करा रही हैं। इससे […]

अब मेरा भी आसमान नीला होगा, ऊगते सूरज की तरह लाल तमतमाया नहीं होगा, मैं किसी भय से भयभीत नहीं हूं साँझ की ललछौह पीलापन भी अब न होगा। मुझे प्यार नहीं हुआ, मैं नहीं देखना चाहता किसी की माँग का सिन्दूर, मैं नहीं देखना चाहता किसी की लाली चुनर, […]

बेटियों की स्थिति देखकर, आज हमें रोना आता है। क्योंकि जन्म देने वाली माँ, राखी बांधने वाली बहन प्यार करने वाली प्रेयसी, या हमें खुद से ज्यादा, प्यार करने वाली पत्नी सबकी सब बेटियां हैं, चाहे हमारी या आपकी। हमने और हमारी संस्कृति ने, जिसके लिए कहा है कि जहाँ […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।