अम्बे माँ का दरबार, खुशियों का है भंडार। मैया देती है सबको, खुशियाँ अपार। अम्बे माँ का…….. माथे पे बिंदिया सोहे, कानों में कुंडल। गले पुष्प माला सोहे, पैरों में पायल। होकर सिंह पे सवार, लेकर हाथों में तलवार। मैया देती है सबको, खुशियाँ अपार। अम्बे माँ का……….. झोली सबकी […]

ये प्यारे प्यारे नन्हे मुन्ने, बरबस मन मोह लेते हैं। मधुर मधुर मुस्कान लिए, जब पास हमारे होते हैं। थोड़े चुलबुले,थोड़े नटखट, होते हैं प्यारे बच्चे। स्वार्थ ना कोई होता दिल में, होते हैं मन के सच्चे। देख इन्हें फिर हमको भी , बचपन याद आता है। कुछ पल लिए […]

है रंगमंच ये जीवन सारा, सबको कठपुतली बनाए। भिन्न भिन्न किरदारों में। नित हमको नाच नचाए। कभी बनाए चोर, पुलिस, कभी हमको जज ये बनाए। कभी मंजर बुरा दिखाए ये, कभी सौगात खुशी की लाए। दुष्ट नेताओं, बाबाओं का , काला चिठ्ठा ये दिखलाए। दुनियाँ के सामने इनका , सारा […]

लेके रंगों की फुहार, आया होली का त्योहार। दिल के झगड़े मिटाने , आया पावन ये त्योहार। लेके रंगों की………. रंगों की छाई है हर ओर बदली, खुशियों की रिमझिम करने को पगली। हाय सबके घर आँगन और द्वार, लाया खुशियाँ अपार। दिल के झगड़े मिटाने, आया पावन ये त्योहार। […]

दिल के भाव जब पन्नों पर, मोती से बिखरने लगते हैं। रचती है प्यारी कविता तब, अरमान मचलने लगते हैं। हो जाए लाचार जुबाँ जब, तब कविता तलवार बनती है। दुनियाँ वालों के हर प्रश्न का, करारा जवाब ये बनती है। हर प्रेमी के प्रेम की सदा, आवाज ये बनती […]

तन मन में हमारे गौरैया, उमंग नई भर जाती है। फुदक फुदक गौरैया जब, पास हमारे आती है। नन्हे नन्हें पंखों वाली, कितनी प्यारी प्यारी है। हम सबके घर आँगन की, गौरैया शान हमारी है। चूँ चूँ का गाना गाकर ये, सबका दिल बहलाती है। जब गौरैया दाना चुगने, चौबारे […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।