तेरे जाने से,अब ये शहर वीरान हो गया, तेरे जादू का असर अब जाने कहा खो गया, तेरी पायल की झंकार से, ये सारा शहर जाग जाता था, अब उन झंकारो का खतम नामों-निशान हो गया, बहुत ढूँढ़ा मैनें तुझे मुशाफिरों की तरह, भटकता रहा,छिपता रहा,कायरो की तरह, अब तक […]

इस धरा का  अद्वितीय अनुपम वरदान है माँ, जन्मदात्री जगतपूज्या जग में सबसे महान है माँ, नौ महीने कोख में रख वह शिशु को जन्म देती, अथक पीड़ा सहन कर भी वह किसी से कुछ न लेती, दया,ममता,स्नेह की माँ अद्भुत अप्रतिम तस्वीर है, कितने रूपों को जीती लिखतीं कितनी […]

“सफर” यह एक ऐसा शब्द है जो अपने आप में बहुत विशाल है। सफर एक ऐसी रोमांचकारी धुन है जो इन्सानों में ऐसे सवार रहती है जैसे शरीर में प्राण।  और यह प्राण प्राणियों को उनके होने और उनके अस्तित्व को जिंदा रखने के लिये बेहद आवश्यक है। जिंदगी में […]

तुम्हारे प्यार का ऐसा है छाया रंग मुझपे, कि आता है नजर रंगीन ये सारा जहाँ, तुम्हारे रंग में अब मैं रंगारंग हो गया हूँँ, कि भाता है तेरा ही रंग मुझको हर जगह, तुम्हारे साथ जितने थे बिताये खुशनुमा पल, कि नाता है,रहेगा उम्र भर रंगीन यादों का यहाँ, […]

जुर्म कर रहे है वो जुल्म सह रहे हैं जो, बंध के बंदिशो की बेड़ियों में रह रहे है जो, जो तूफानों का कभी मोड़ रूख देते थे, आजकल बिन हवाओं के बह रहे है वो, जो उठाते थे आवाज सबके हित के लिये, अब हो गये स्तब्ध कुछ न […]

तेरी उस अदा का हूँ मैं आज भी दीवाना, भूल नहीं सकता तेरा वो खूबसूरत मुस्कुराना, हाँ सच में बस तुझे ही निहारना था मेरा काम, सांसें भी मैंने अपनी कर दी थी तेरे ही नाम, मैने अपनी जिन्दगी का सबसे खूबसूरत गुनाह किया था, तभी तो सौंप दी थी […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।