माता का उपदेश नहीं बच्चे को कुछ भी भाया। बारिश में नौका लेकर पानी के बीच चलाया।। बिनु पतवार कागजी नौका इधर उधर बल खाती। कभी पास में आते – आते दूर बहुत हो जाती।। लहरों के संग उठते – गिरते असमंजस हो जाता। नौका के सँग बाल हृदय भी […]

जीवन में अगर जीना है तो , पढ़ना ही पड़ेगा , जीवन है अगर जहर तो , पीना ही पड़ेगा ! अगर जीवन से अभी खेलोगो तो , कभी रोना ही पड़ेगा , जीवन है एक फूल तो , दर्द सहना ही पड़ेगा ! अच्छे बात बुरा लगेगा तो , […]

तुम कुछ कर सकते हो तुम आगे बढ़ सकते हो । तुममे है बहुत हिम्मत तुम जग को बदल सकते हो । तुम खुद से हिम्मत नही हारना । कभी खुद का भरोसा मत हारना । तुम झूठ का मार्ग छोड़ सच्चाई के रास्ते पर चलते रहना । मुसीबत बहुत […]

मां अम्बे तू गौरी , तेरे ही रूप अनेक , तू तीनों लोको में प्रसिद्ध , सबकी इक्शा पूर्ण करने वाली , नव नामों से तू पुकारी जाती , प्रथम तू शील तपस्या से परिपूर्ण , शैलपुत्री से जानी जाती , दूसरी ब्रहा जी की स्वरूप प्राप्त , ब्रह्मचारिणी से […]

माता आओ मेरे अंगना माता मेरी बुला रही है। मेरी माता जगजननी को मैया कहके झूला रही है। मां में देखूं स्वरूप तुम्हारा बहन में ममता पाई है हर नारी में जगदम्बा की मूरत एक समाई है। घूम रहे हैं महिषासुर चौकों में बाज़ारों में मानवता को तार करते जिल्लत […]

इस बार जब तुम आना फिर छोड़ कर मत जाना प्यार के इस समुंदर में जब तुम गोता लगाना वापस कभी मत जाना।। मेरे दिल की इस बाग को हरदम हरियाली रखना सुख जाय अगर यह बाग प्यार की नीर से सिच देना । प्यार मै इस कदर करु तुमसे […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।