मुसाफतों से दिल ये भरता क्यों नहीं इक ठिकाने पर ठहरता क्यों नहीं ======================= क्यों भरोसा करता है अजनबियों पर ठोकरें खा कर सुधरता क्यों नहीं ======================= देखकर इन दर्दमंद मज़लूमों को ज़ालिमों का दिल पिघलता क्यों नहीं ======================= ज़हर देकर मुझको वो बेचैन हैं ज़िंदा है अबतक ये मरता […]
bharat
ज़ख्म अपने दिल पे बेशुमार खा गया, मैं आदमी पहचानने में मार खा गया, ========================== चला था भरोसे का कारोबार करने मैं, जिसपे किया भरोसा कारोबार खा गया, ========================== बच्चे मेरे इक शाम को तरसते ही रहे, दफ्तर मेरा सारे मेरे इतवार खा गया, ========================== नींद नहीं आती मुझको रात-रात […]
यक-ब-यक चल पड़ी हवा जैसे पूरी हो गई हर दुआ जैसे ===================== तुमको देखा तो यूँ महसूस हुआ सामने आ गया खुदा जैसे ===================== मैंने हर बार तुझे यूँ माँगा बच्चा कोई माँगे खिलौना जैसे ===================== इस तरह तूने भुलाया मुझको तू मेरा कभी न था जैसे ===================== ज़िक्र तेरा […]