मेरी माँ मेरी मातृभूमि मेरी मातृभाषा हर जन्म मिले माँ तुम्हारा उदर मातृभूमि-देवभूमि जन्मूँ तुम पर बोलूँ “हिन्दी माँ” जैसा मीठा स्वर जन्मदात्री माँ के संस्कारों से मिले मुझे संस्कार सफल हुआ जीवन माँ बनकर हो रही जयकार सुई की नोंक से निकाला, यूँ बनके परवरदिगार गृहस्थ एक तपोवन जाना, […]

संस्कार तुम्हीं से पाते हैं , सब प्यार तुम्हीं से पाते हैं। ममता के सुंदर उपवन में, मीठी लोरी के मधुबन में। आँचल की ठंडी छाँव तले, मेरा बचपन देखो पाँव चले। गिर-गिर कर उठना सीखा है, सब माँ से पढ़ना सीखा है। सब सुनकर के चुप रहती है, धीरे […]

माँ! क्या लिखूँ तुम पर माँ? स्वयं तुम काव्य हो छंदों भरी, कहानी हो व्यथा भरी, संस्मरण हो अपनों के सपनों की। कैसे तुम्हें बांटू मैं? तुमने जिया मुझमें अपना बचपन, जो तुम बाबुल की देहरी पर कमसिन उम्र का छोड़ आई। तुमने सपने संजोकर अपने पूर्ण किये मुझमें, जो […]

बिस्मिल्लाह, मैत्रेई पुष्पा, राहुल देव, प्रियदर्शन, हरियश राय, आलोक पुराणिक, रेनु राकेश व पंकज प्रसून सहित कई वरिष्ठ लेखक जुटेंगे एक मंच पर कृष्णा इंजीनियरिंग कॉलेज में होगा कथा रंग कहानी महोत्सव एवं अलंकरण समारोह गाज़ियाबाद। महानगर में पहला लिटरेरी फ़ेस्टिवल कथा रंग द्वारा रविवार को कृष्णा इंजीनियरिंग कॉलेज, मोहन […]

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ एक हज़ार वर्ष से अधिक की यात्रा में हिन्दी भाषा ने कई पड़ाव और प्रवाह देखे हैं। उस भाषा का सौन्दर्य इस बात का साक्षी है कि आज भारत के जनमानस के भीतर उस भाषा के प्रति अनुराग जागृत है और उसी भाषा से विश्व में […]

इन्दौर। नारी के हर रूप मे माँ का रूप ईश्वर का वरदान है । इस अवसर पर 5 अन्य मातृ तुल्य व्यक्तित्व, एस एफ एम एकेडमी खजराना की डायरेक्टर शबाना मिर्ज़ा जी , शासकीय अस्पताल के सहारा वार्ड की नर्सिंग ऑफिसर सीमा सिह जी, विक्षिप्त लावारिस अनाथों के नाथ बने […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।