पुष्पित तूलिका ने किया षोडश मातृ शक्तियों का सम्मान

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इन्दौर। नारी के हर रूप मे माँ का रूप ईश्वर का वरदान है । इस अवसर पर 5 अन्य मातृ तुल्य व्यक्तित्व, एस एफ एम एकेडमी खजराना की डायरेक्टर शबाना मिर्ज़ा जी , शासकीय अस्पताल के सहारा वार्ड की नर्सिंग ऑफिसर सीमा सिह जी, विक्षिप्त लावारिस अनाथों के नाथ बने मातृतुल्य जय जोशी जी , बचपन में मस्तिष्क ज्वर से बोलने सुनने की क्षमता खो देने वाली बेटी की माँ सुषमा जैन और माँ नहीं होकर माँ की भूमिका मे अपने भाई के अनाथ बच्चो का आजीवन अकेली रहकर सहारा बनी तरजीत कौर ईशर को विशेष रूप से सम्मानित किया गया ।
इस गरिमामय कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे कृष्णकुमार अष्ठाना जी ने कहा कि ‘माँ एक भाव है जो ईश्वरतुल्य है।’
मुख्य अतिथि इंदौर प्रेस क्लब के अध्यक्ष अरविंद तिवारी उपस्थित थे, विशेष अतिथि जिला शिक्षा अधिकारी मंगलेश व्यास , जिला स्त्रोत समन्वयक अक्षय सिंह राठौर एवं वरिष्ठ साहित्यकार हरेराम वाजपेई थे ।

इस अवसर पर पुष्पित तूलिका त्रैमासिक पत्रिका के जून अंक ( ड्रॉप आउट विशेषांक ) का विमोचन भी मंच से किया गया ।
सर्वप्रथम अतिथियों का स्वागत कर दीप प्रज्वलन किया गया। स्वाती घोडगावकर ने अपनी सुमधुर आवाज़ मे माँ सरस्वती का आव्हान किया । मातृशक्ति सम्मान मे प्रतिकात्मक इक्कीस मातृ शक्ति पूजन अर्चन में ऐसा प्रतीत हो रहा था मानो साक्षात स्वर्ग से दैवीय शक्ति “माँ” पर पुष्प वर्षा कर आनंदित हो रही थी । ऐसे भावविभोर कर देने वाले आयोजन मे सभागार मे उपस्थित हर सदस्य की आंखे नम थीं। मुख्य अतिथि अरविंद तिवारी ने पुष्पित तूलिका के कार्यो की प्रशंसा करते हुये कहा कि ‘माँ स्नेह का समंदर होती है वह हमारे हर प्रश्न का उत्तर होती है।’
संस्था के संरक्षक हरीश बोयत ने मुन्नवर राणा की पंक्तियों से सभी को भावविभोर कर दिया। संस्था की मार्गदर्शक अलका भार्गव ने कहा कि ‘ईश्वर के सारे कार्य माँ करने लगी, उन्होने संस्था के दो वर्ष पूरे होने तथा अल्पावधी में ही ऊंचाई तक पहुंचने पर संतोष व्यक्त किया। संस्था की प्रवक्ता एवं पत्रिका की प्रधान संपादक नमिता दुबे ने संस्था के कार्यो का उल्लेख करते हुए अपनी गतिविधि से परिचित किया । संचालन सुरेखा सिसोदिया एवं श्रीमती रीना भावसार ने किया। आभार संस्था की अध्यक्ष मणिमाला शर्मा ने व्यक्त किया।

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।