श्रम आपको उस तरफ ले जाता है जिधर आपका लक्ष्य है। लेकिन भाग्य साथ हो तो लक्ष्य या उससे ज्यादा मिल पाता है यदी भाग्य में नहीं है तो लक्ष्य पास होने के बावजूद सामने से निकल जाता है । सफलता दिखती हैं मिलती नहीं । बिलकुल यही स्थिती भारत […]

विश्व जनसंख्या दिवस 11 जुलाई 2019 जनसंख्या वृद्धि हमें विनाश के कगार की ओर ले जाएगी वर्तमान में विश्व की जनसंख्या साढ़े सात अरब के आंकड़े को पार कर चुकी हैं । और जिस रफ़्तार से जनसंख्या बढ़ रही हैं वह आने वाले समय में पुरे विश्व में भयावह स्थिती […]

कबिरा इतना लिख गये, क्या लिख्खे हम यार । उसने तो की साधना, हम करते व्यापार।। तुलसी जैसा तप कहॉ, कहॉ कलम में भार। अब घसियारे कलम के, मांगे पद दरबार ।। मीरा ने श्रंगार में, जपा कृष्ण का नाम । आज सुरीले कंठ की, चाहत केवल दाम ।। सूर […]

अध्यात्म-चेतना के प्रतीक, भारतमाता मन्दिर से प्रतिष्ठापक ब्रम्हानिष्ठ स्वामी सत्यमित्रानन्द गिरि जी महाराज वर्तमान युग के विवेकानन्द थे । 26 वर्ष की अल्प आयु में ही शंकराचार्य-पद पर सुशोभित हुए और दीन-दुखी, गिरिवासी, वनवासी, हरिजनों की सेवा और साम्प्रदयिक मतभेदों को दूर कर समन्वय-भावना का विश्व में प्रसार करने के […]

“मृत्यु जीवन का शाश्वत सत्य है ।, जीवन मिट्टी से मिट्टी तक की यात्रा है।, अर्थी से पहले जीवन का अर्थ जान ले।“ ये बोध वाक्य हर बार उस समय याद आते है जब हम किसी को श्मशान में छोड़ने जाते है और शोकसभा के कक्ष की दीवारों पर अपनी […]

श्रद्धांजलि – हिंदी और मालवी के सुप्रसिद्ध कवि , गीतकार सुल्तान मामा हिंदी काव्य मंचों पर अपनी सुरीली आवाज के लिए पहचाने जाते थे। कवि सम्मेलन मंचों पर यदि कोई उन्हें सामने ने नहीं सुन रहा हो तो कहता कि क्या खूबसुरत आवाज में कवयित्री गा रही है । मालवी […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।