आज हमारी धरती माँ का दिन है यानि “विश्व पृथ्वी दिवस” – जिस धरा पर हमारा जन्म होता है और जन्म से लेकर मृत्यु तक का सम्पूर्ण समय हम इसी पावन पुनीत धरा पर व्यतीत करते है। यह हमारे जीवन की सबसे अनमोल धरोहर है और सबसे पवित्र स्थान है। […]

एक बात,एक सवाल,एक मुद्दा,एक विषय और एक प्रश्न जो हम हर पाँच सालों के बाद जनता से पूछते है और जनता स्वत: बताती है कि हमारा नेता कैसा हो ? भारत जैसे बड़े लोकतांत्रिक देश जहाँ नेता चुनने का अधिकार केवल जनता को प्राप्त होता है और जनता ही यह […]

माता अंजनी के लाल,बजरंगी हो कमाल, महावीर महाभक्त रामजी के आज्ञाकारी हो, तीनों लोकों में तुम पूज्य,तुम सम न कोऊ दूज, थामें हाथ वज्र,ध्वजा श्रीराम के पुजारी हो, माता सीता के दुलार सारा जग करे प्यार, जय हो पवनकुमार तुम विशाल ह्रदयकारी हो, शत्रुओं के तुम काल,दुख हरते हर हाल, […]

अगर तुम मचलना नही जानते हो, तो फिर इश्क़ करना नही जानते हो, ये गिर कर संभलने की बाते है झूठी, कभी जान अटकी कभी साँस टूटी, अगर दर्द सहना नही जानते हो, तो फिर इश्क़ करना नही जानते हो, सारे गमों को समेट साथ लेकर के चलना, कभी खुद […]

भारत विश्व का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश है जहाँ सभी वर्गों,जातियों एवं सम्प्रदायों से जुड़े लोगो को अपनी बात कहने और अपना पक्ष रखने की स्पष्ट रूप से स्वतंत्रता है। लेकिन,अगर हम भारत देश की वर्तमान राजनीति की बात करते है तो दिलो-दिमाग में बहुत ही नकरात्मक छवि सामने आती […]

विश्व में भारत एकमात्र ऐसा देश है जहाँ सभी धर्मो को मानने वाले लोगों का बसेरा है एवं सभी जातियों व संप्रदायों के अनुयायी यहाँ निवासरत है। भारत देश प्राचीनकाल में ‘सोने की चिड़िया’ कहा जाता था क्योंकि यहाँ पर निवासरत समस्त लोगो में एकता और एकजुटता के प्रमुख गुण […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।