जिंदगी में हमने की बहुत गलतियां। पर मुझे समझ आहि ही नहीं। मांगू माफ़ी मैं कौनसी गलती की। जिस का मुझे पता ही नहीं।। कितनी मुश्किलें हैं मेरे जीवन में। खुद मेरे जीवन को पता नहीं। जिस को मैनें दिल से चाहा । जबकि उसको तो पता ही नहीं।। कब […]
ख़ुशी बहुत है आज हम सब को, मना जो रहे है स्वंत्रता दिवस को। पर मिली कैसे हमे ये आज़ादी, जरा नजर तुम इतिहास पर डालो।। न जाने कितनी मांओ की उजड़ गई गोदे । न जाने कितनी माँगे उजड़ा गई आज़ादी में । उठ गया सिर पर से साया […]
जिंदगी में हमने की बहुत गलतियां। पर हमको इसका पता ही नहीं। मांगू माफ़ी किस किस गलती की। जबकि हमको पता ही नहीं।। कितनी उलझने हैं मेरे जीवन में। जीवन को खुद ही पता नहीं। जिस को मैनें दिल से चाहा । जबकि उसको तो पता ही नहीं।। कब आ […]
तुम चाँद के एकांत प्रेमी जो तकते हो सारी रात पी जाते हो चंद्र किरण विषदर्शन से त्याग देते प्राण इसलिए वो तुम्हें पालते रहे ऐ चकोर! आखिर क्यों करते हो ऐसा? आखिर क्यों करते हो प्रेम? आखिर क्यों तजते हो प्राण? कारण जो भी हो, पर तुम नीरा मूर्ख […]
दिल लगता नही, अब तेरे बिना। कैसे धड़क रहा है, अब तेरे बिना। मुझको पता नहीं हैं, ये क्यो धड़क रहा। तुम मेरे दिल में, क्यों बस गए हो? अब तुम ही तुम, साथ रहते हो। कसम से तुम्हारी, मुझे कुछ नहीं पता। क्या कर दिया तुमने, मेरी दिल रुबा। […]
हो हो हो —————– मुझे क्षमा करना , ओ मुनिराज। मुझे क्षमा करना , ओ मुनिराज। सबसे पहले लूँगा, आचार्य श्री का नाम। सबसे पहले लूँगा विद्यासागर का नाम।। त्याग और तपस्या, कि मूरत है वो। निश्चय और व्यवहार, कि सूरत है वो। ज्ञान का इतना, भरा है भंडार । […]
आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है।
आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं।
मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया।
इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं।
हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।