खुशियों का देखा खुमार बचपन में आपस मे है कितना प्यार बचपन में बच्चे बच्चे मोहब्ब्त कितनी लुटाते है लगा खुशियों का अम्बार बचपन में कट्टी कभी मिठ्ठी भी होती रहती साथी पर है ऐतबार बचपन में याद आते है वो स्कूल वाले दिन होता नहीं कोई लाचार बचपन में […]
ज्ञान और ध्यान का, हो जाये यदि मिलन। सार्थिक हो जाएगा, तुम्हारा ये जीवन। ऐसा में नही कहता, कह रहे सारे विद्दमान। अब तुम्हे ही करना है, अपने जीवन का फैसला।। मन तुम्हारा क्या कहता, जान लो तुम सोचकर। करना क्या आगे तुम्हें, खुद तुम ही सोच लो। अपनी करनी […]
करा दो मुलाकात बड़ी उम्मीद से आया हूँ। मिला नही अभी तक मुझे किसी से प्यार। तभी तो तेरे शहर में प्यार के लिए आया हूँ। अब मिले या न मिले पर तेरे शहर में आया हूँ।। मिलेगा मुझे यहां मुकाम दिल मे उम्मीद जगी है। तभी तो इस वीरान […]
न हमने कुछ उन्हें बोला, न उन्होंने कुछ हमें बोला। मगर आंखों ने एक दूसरे, का सारा राज खोला। लगी है आग दोनों के, दिल और जहान में। कैसे करे मोहब्बत का, इजहार आमने सामने।। मोहब्बत क्या करा दे, कुछ भी नही पता। कैसे दिल के अन्दर, प्यार को जगा […]
नही दिखाते जब मुझे तो दिल व्याकुल रहता। तमन्नाए दिल की बहुत चंचल होती है। पर ये दिल है कि कही और लगता ही नही। जबकि में जानता हूँ कि वो मेरी कोई नही।। करू तो क्या करू की दिल मचाले न मेरा। मेरी बैचैनी का दर्द समझेगा कोई मेरा। […]
तुम बनकर दोस्त आये जिदंगी में l कि हम ये जमाना ही भूल गये l तुम्हें याद आए ना आए हमारी l पर हम तो तुम्हें भुलाना ही भूल गये l। जब से मिला हूँ तुम से, याद तुम्हें ही करता हूँ। छोटी बड़ी बाते मुझे, याद तुम्हारी दिलाती है। […]
आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है।
आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं।
मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया।
इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं।
हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।