मांग में भरकर सिंदूर, माँग पर माँग टिका लगाई माथे पर सजाईं बिंदिया,. कंगनो से भरी कलाई रचाई मेहंदी अपने हाथो में नाक में नथनी लगाई सज धज सोलह शृंगार कर मैं आज निखर आई भाग लिए सुहागन का रहें जन्मो जन्मो का साथ पूर्ण हुई हर आभिलाषा रहे परिपूर्ण […]

(काव्यधारा पीयूष के साथ काव्यधारा रत्न सम्मान भी मिला) दौसा।  3अक्टूबर,18 को रामपुर शिवांश होटल एण्ड रेस्टोरेंट, साई काम्प्लेक्स रामपुर मे दौसा निवासी कवि कृष्ण कुमार सैनी”राज को साहित्य के क्षेत्र में *काव्यधारा-पियूष और काव्यधारा-रत्न सम्मान* से सम्मानित किया गया। *सैनी की साहित्य में बढ़ती हुई रूचि और सहभागिता के […]

आज है पन्द्रह अगस्त धारा सजी सोलाह श्रिंगार लालक़िला साक्षी रहा सेनाओं के शस्त्र/हथियार कैसी ये आज़ादी है,. है आज़ादी अभी भी अधूरी मासूम सी बालायें नहीं है,. अब भी सुरक्षित पूरी भाई चारा रहे वतन में,…. अमन चैन का हो नारा जात धर्म के नाम पर।, कभी कोई न हो […]

बच्चे का रुदन उसके आगमन से होता शुरु। हर दर्द के साथी आँसू। व्यस्क होने पर छुप कर रो लेता। माता पिता से भी नहीं कुछ कहता। कभी प्रेम में ठुकराए कोई। रो कर वह दर्द पी लेता है। नौकरी न मिले तो बेरोजगारी होने का दंड रोकर भोग लेता […]

हम हैं- तो जीवन है क्या मैं हूँ- क्या तुम हो बिन तेरे मैं क्या हूँ…. बिन मेरे क्या तुम हो? नहीं ! तो क्या सच में जीवन है? रहें क्यों हम उलझन में.. पीड़ सहें क्यों मन में हम हैं तो सब रंग है वरना– “मैं” क्या.. “तुम” क्या […]

बहुत करते हो तुम गुस्सा खफ़ा नाराज़ होते हो बड़ी आँखे दिखाते हो डराकर जान लेते हो। बहुत करते हो तुम गुस्सा खफ़ा नाराज़ होते हो। निकल जाये न सीने से दहशत में न पड़ जाये बहुत ज़िद्दी किसम के हो देख तबियत बिगड़ जाये। बहुत करते हो तुम गुस्सा […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।