थोड़ा-सा वक्त दे दे मेरे मेहरबाँ मुझे, रोकर विदा करुं या हंसकर विदा तुझे॥ जाने क्या बात थी कि तस्वीर में तेरी, पलकों की पालकी से देखा किए तुझे। पत्ते गिरे हैं जब भी कहीं शाखों से टूटकर, दिल तो मेरा भी रोया है याद कर तुझे॥ दर से विदा […]

  ‬(अटल जी को जन्मदिन पर  समर्पित) आसमाँ पर एक ही ध्रुव है अटल, है अटल। इस धरा के ध्रुव बनो तुम भी अटल,तुम भी अटल॥ हर किसी की आस्था विश्वास हो तुम, इस हिमालय के चमकते भाल हो तुम… तुमसे ही महके सदा ये विश्व पटल,विश्व पटल। इस धरा […]

जीवन सरिता में, डोले मेरी नैया क्यूं ? तुमको है सुख का सागर, मुझे खुशियों से किनारा क्यूं ? घनी धूप से लड़कर, रज कण बहाता हूँ। तन चंदन घिसकर अपना, अस्तित्व तिलक लगता हूँ। देता सबको उजाला मैं, मेरे जीवन में अंधेरा क्यूं ? जीवन सरिता में, डोले मेरी……..? […]

    भारतीय संविधान की आठवीं अनुसूची में अभी तक २२ भाषाओं को शामिल किया गया है | इस सूची में ३५ और भाषाओं को शामिल करने का प्रस्ताव  है |भोजपुरी, अवधी,राजस्थानी,ब्रजभाषा,हरियाणवी,छतीसगढ़ी आदि लोकभाषाएँ प्रतीक्षा सूची में हैं | अभी तक हिन्दी को ही उसका संविधान प्रदत्त अधिकार नहीं मिला और आठवीं अनुसूची में उपभाषाओं-बोलियों को […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।