बुरे वक्त में सब रिश्ते तार – तार हुए यार जो कल तलक थे आज वो अगयार हुए ============================ हर तरफ देखकर खुदगर्ज़ी, चापलूसी को वफा और दोस्ती दोनों ही शर्मसार हुए ============================ कसूर अपना क्या बताएं भला मुंसिफ को हम तो जुम्बिश-ए- मिजगां से गुनाहगार हुए ============================ बार – […]

बेपनाह प्यार का मौसम चला गया तेरे साथ इंतज़ार का मौसम चला गया ======================= थाम लिया दामन-ए-मैकशी हमने इश्क के खुमार का मौसम चला गया ======================= ताल्लुकात तोड़ के चला गया तू जब शहर से बहार का मौसम चला गया ======================= कैसे करेंगे हम अब वो जुर्म-ए-खुशगवार तवाफ-ए-दर-ओ-दीवार का मौसम […]

किस्सा-ए-इश्क अपना इतना ही रहा बस आगाज़ ही किया था कि उसने कहा बस ========================== ज्यादा तो कुछ नहीं हुआ होकर जुदा तुमसे सीने में मेरे हल्का-हल्का दर्द हुआ बस ========================== क्या कहूँ क्यों हो गया तनहाई-पसंद मैं फितरत-ए-दुनिया को पहचान गया बस ========================== कुछ और सुनाने की ज़रूरत ही […]

ख्वाब आँखों में जितने पाले हैं सब के सब टूट जाने वाले हैं ==================== जो पसंद हो वही नहीं मिलता खेल कुदरत के भी निराले हैं ==================== हमें तुम क्या मिटाओगे, हमने सीने में तूफान पाले हैं ==================== कोई आवाज़ न उठाएगा यहां सबकी ज़ुबां पे ताले हैं ==================== कहीं […]

कभी फरहाद कभी मजनूं कभी रांझा बना डाला तुम्हारे इश्क ने जानां मुझे क्या-क्या बना डाला ============================== पिला कर खून अपना पाला जिसको उम्र भर मैंने उस दिल को एक पल में तुमने अपना बना डाला ============================== अपने आप में महफिल हुआ करता था कभी मैं तुम्हारी याद ने मुझे […]

मुश्किलें लाख हों उम्मीद कहां मरती है ये वो शमा है जो तूफानों में भी जलती है ========================== ये बात सच है चाहे मानो या न मानो तुम जहां दवा न करे, दुआ असर करती है ========================== चीर देती है फिर वो आसमां का सीना भी किसी गरीब के दिल […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।