मोहल्ले के कोने में, रहती थी एक `ख़्वाहिश` हर शाम पुकारती खिड़की पर होकर खड़ी, सपने ले लो, हसीन तड़कते-भड़कते जादुई सपने, इतनी भीड़ में कौन सुने उसकी पुकार, गलियों की हलचल में अक्सर दब जाती उसकी आवाज़, सजने से पहले ही बिखर जाता मानों सपनों का संसार, घर की […]

तेरे दिल के मंदिर में मुझे एक दीपक जलाने दे, तेरे इश्क़ का पुजारी हूँ मैं,दुनिया को बताने देl सेवा तेरी कब तक करूं मैं,एक झलक दिख जा, हर रोज सुबह तेरी पूजा करूँगा,मुझे नहाने देl ठण्ड के मौसम में भी तेरी तपस्या कर रहा हूँ, उपवास रखा हूँ परसों […]

चौड़ी छाती वालों का, यूँ एक राजनीतिक साल गया। मातृभूमि की सेवा में, फिर एक बेटे का भाल गया॥ वह कोई नहीं तुम्हारा था, बस माँ की आँखों का तारा था। पर अपने छोटे बच्चों का, वह केवल एक सहारा था। यूँ कई बार लड़ते-लड़ते, वह मृत्यु को टाल गया। […]

तुम चाय की पत्ती, मैं तुम्हारा दूध, बिन तुम्हारे अस्तित्व विहीन मैं हुआ बेसुध।   तुम समाहित होती मुझमें, निखर उठता रूप, अपना लिया तुमने मुझको, धन्य हुआ ये कुरूप, तुम बिन ले उबाल हो जाता मैं क्रुद्ध, मिलन होता तुमसे हो शांत, तुम पर हो जाता मुग्ध मचल उठता […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।