ईश्वर ने भेजा था उनको ईश्वरीय सेवा करने के लिए शोभा से ह्र्दयमोहिनी बनी जनकल्याण करने के लिए आठ साल की बाली उम्र में उनमें रूहानियत आ गई थी परमात्म साक्षात्कार हुआ उनकी काबिलियत छा गई थी चार दर्जे तक पढाई करके कई भाषाओं की ज्ञाता बनी ईश्वरीय वरदान ऐसा […]