ह्र्दयमोहिनी

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ईश्वर ने भेजा था उनको
ईश्वरीय सेवा करने के लिए
शोभा से ह्र्दयमोहिनी बनी
जनकल्याण करने के लिए
आठ साल की बाली उम्र में
उनमें रूहानियत आ गई थी
परमात्म साक्षात्कार हुआ
उनकी काबिलियत छा गई थी
चार दर्जे तक पढाई करके
कई भाषाओं की ज्ञाता बनी
ईश्वरीय वरदान ऐसा मिला
हर एक की प्रणेता बनी
परमात्मा की अजब सेवा से
ह्र्दयमोहिनी गुलज़ार हुई
आध्यात्मिकता में डॉक्टरेट
सम्मान से वह भरपूर हुई
उछलकूद अल्हड़ मस्ती
उन्होंने कभी जानी नही
शांति, धैर्य,योग साधना में
था उनका कोई सानी नही
उन्ही के तन को रथ बनाकर
परमात्मा हमसे बतियाते रहे
कलियुग से सतयुग आएगा
यह सत्य हमे समझाते रहे
पवित्र से पावन बनाने की
विधि उन्होंने ही बताई थी
चरित्र निर्माण की अलख जगा
दुनिया को राह दिखाई थी
93 वर्षों का जीवन उनका
परमात्म सेवा के नाम रहा
नारी शक्ति की अग्रदूत रुप मे
ह्र्दयमोहिनी का नाम रहा।
#श्रीगोपाल नारसन
सपना (स.अ.)
जनपद-औरैया

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।