गांधी फिर कब आओगे जनमानस के सुप्त पटल से छुद्र स्वार्थ हटाओगे। बापू क्या फिर आओगे।। जाति पाती ही ध्येय बना धर्म के ठेकेदारों का मन्दिर मस्जिद में जूझे जनता खेल वोट बंटवारे का सत्य अहिंसा नारे बन गए जनता को भरमाने का।। बढ़ती पशुता नग्नता सी कैसी वैचारिक विषमता […]

हिन्दी सिर्फ भाषा नहीं,बल्कि यह हमारे अल्फाजों को समेट,हमारी बातों को सरलता एवं सुगमता से कहने का विशेष माध्यम हैं। हिन्दी बिल्कुल हमारी की तरह ही हमसे जुड़ाव रखती है और हम भी मां हिन्दी के बिना अपने अस्तित्व की कभी कल्पना नहीं कर सकते। क्योंकि मां के बिना बेटे […]

नदी अब बहुत गुमान में है, कि वो आजकल उफ़ान में है, ग़रीब तो आज भी फुटपाथ पर सोते है, अमीरजादें तो अंदर अपने मकान में है, जमीं से तो उनका रिश्ता ही टूट गया है, अब तो उनका सारा ध्यान आसमान में है, रंग बदलने की फितरत अब गिरगिट […]

  आरज़ू यार से अलविदा ना कहें। ख़्वाहिशें कुछ नहीं हम ज़ुदा ना कहें।-01 ★ रूह तनहाइयों में बसर कर रही, हम तपिश में वो ख़ुद को खुदा ना कहें।-02 ★ ज़िस्म जो सुर्ख़रू कल को ढल जाएगा, आज भी कल भी होंगे फ़िदा ना कहें।-03 ★ इक नशीला बदन […]

सावन आया हर्षित सुरभित चहुँ दिशाएं मन्द मन्द मुस्काती पवनें घुमड़ घुमड़ आयी घटाएं चम चम चम बिजरया चमके खेत मगन लहरायें आओ ऋतुवर जमकर बरसो मन मयूर पंख फैलाएं स्वागत करते नदी और पर्वत उमंग से बांह फैलाएं सहज सरल अविनाशी भोले पर आओ श्रद्धा सुमन चढ़ाएं हम प्रेम […]

मान है अभिमान है तू भारत की शान है, जय हिंद की सेना तुझपे दिल कुर्बान है। तेरी गौरव गाथा अमर रहे भुजाओ में तेरा शौर्य रहे, इस मिट्टी का लाल तू बलिदान तेरा अमिट रहे।। भाग उठे दुश्मन जब तूने उसे ललकारा था। कारगिल में घुसे पाकी को नाहर  […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।