भारत में संस्कारों का सूर्य इसीलिए अस्त नहीं होता क्योंकि हम अपनी परम्परा को बार-बार दौहराते है और अनुसरण में भी लाते है। हम सिर्फ अपने लिए काम नहीं करते है। हम सिर्फ अपने परिवार के लिए नहीं कमाते है। हम सिर्फ अपनी जाति या धर्म के लिए दान नहीं […]

चैत्र शुक्ल प्रतिपदा जगत का उत्पत्ति दिवस चैत्रे मासि जगद्ब्रह्मा ससर्ज प्रथमेऽहनि। शुक्लपक्षे समग्रं तु तदा सूर्योदय सति।। हेमाद्रि के ब्रह्मपुराण के अनुसार चैत्र मास के शुक्ल पक्ष के प्रथम दिन सूर्य उदय के समय ही परम पिता ब्रह्मा जी ने इस जगत की उत्पत्ति की थी। इसी कारण से […]

वर्तमान में बाल साहित्य उन्नयन के लिए एक नाम देशभर में जाना पहचाना है, वह है श्री राजकुमार जैन राजन का, जो कि तन-मन और धन तीनों तरह से बाल साहित्य के लेखन, प्रकाशन और निःशुल्क वितरण के क्षेत्र में अपना अहम योगदान दे रहे हैं। बाल साहित्य के अलावा […]

भारतीय संस्कृति व्रतों, त्यौहारों और पर्वों की संस्कृति है। हर तिथि किसी न किसी देवी-देवता को समर्पित है और इन तिथियों के अनुसार देवी-देवताओं को श्रद्धासुमन अर्पित करने के लिए पर्वों का आयोजन किया जाता है उनकी उपासना करते हुए हर्षोल्लास के साथ त्यौहारों को मनाया जाता है। कार्तिक मास […]

दिवाली वैसे तो खुशी का त्योहार है, हर कोई चाहता है की उसके जीवन में दिवाली आए पर कुछ लोगो को लगता है कि भगवान करे इस बार दिवाली नहीं आए क्योंकि दिवाली आने के पहले ही उनको टेंशन शुरू हो जाती है और दिवाली के बाद तो उनका जीना […]

हम भारत के लोग हमेशा से नियम तोड़ने में विश्वास रखते है। नियम में रहे तो क्या जीवन। जीवन तो अलमस्त हो तभी मजा है। नियम तो वैसे भी गले में रस्सी जैसा होता है। साला एक सीमा में रहो इससे ज्यादा कुछ मत करो पर हम तो कुछ अलग […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।