भारत में रहते हो फिर क्यों, कहते हो डर लगता है । शायद चोर तुम्हारे मन का, अब तक लगता जगता है॥ हिन्दू का है देश इसी से, हिन्दुस्तान कहाता है। धर्म-द्वेष का भाव तजो सब, हिन्दू धर्म सिखाता है॥ मूर्त अमूर्त सभी पूजन विधि, इसमें पाई जाती हैं। इसीलिए […]

हे भारतीय राजनीति के कलंकों, अब तो देश को बख्श दो, आज़ादी से आज तक देश को छला, अब तो कुछ उत्थान हो जाने दो। अपनीकुर्सी न जाए तुम चलते हो गंदी चालें, कभी जाति, कभी धर्म, कभी भाषा की खड़ी करते हो दीवारें, आज भी देश ढो रहा है […]

  केवल तू  ही  तू कान्हा, दूजी  न आरजू  कान्हा। पूजा करता हूँ तुम्हें बड़े अरमान के साथ, ख्वाहिशें पालता हूँ बड़े अभिमान के साथ। देखो मुझसे कभी तुम भी रूठ जाना नहीं, सोचता हूँ तुम्हें ही निर्दयी सम्मान के साथ॥ ख्वाहिशें पाने की तुम्हें पूरी करो न करो पर, […]

हिस्से में आई बेइज्जती को देख मन सुन्न हो गया रामदीन का..क्या सोचा था क्या हो गया,अपनी सगी बहन से इस बर्ताव की सपने में भी उम्मीद न थी,किस कलेजे से कह दिया भईया  रात आप भगतपुर में बिता लो,सुबह बारात विदाई के बाद चले आना,आप के ये ‘सफेद दाग’ […]

चमकते हैं सितारे देख हर रोज। नहीं आती बहारें,देख हर रोज॥ बेईमानी बेईमानी…..मिले मात्र। इमां नर ना सुधारे,देख हर रोज॥ बूढ़ी माँ को अकेला छोड़ जाओ न। जिए किसके सहारे,देख हर  रोज॥ नसीहतें दे नहीं अब आदमी सोच। दिलों में ना उतारें,देख  हर  रोज॥ कहीं सूखा कहीं अतिवृष्टि,की है फ़ौज। […]

पाक को जरा,सब सिखाइए। गीत प्यार के,सरस गाइए॥ शक्तिमान हो,शरण दीजिए। देश द्रोहि के,करम  कीजिए॥ प्राण खींच लो,तब सही रहे। बाप हो तभी,जब वही कहे॥ धीर  देश  है,भरत  वीर का। भीष्म पार्थ के,विकल तीर का॥ आँख जो उठे,तुरत नष्ट हो। मौत से मिलो,अगर भ्रष्ट हो॥ सोच लो अभी,समय दे दिया। […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।