मोहनदास करमचंद गाँधी और इन्दौर का एक नाता ऐसा है जो जीवन पर्यंत हर हिन्दीप्रेमी स्मरण करता रहेगा। 3 जून 1918 को गांधीजी की अध्यक्षता में इंदौर में ‘हिंदी साहित्य सम्मेलन’ आयोजित हुआ और उसी में पारित प्रस्ताव द्वारा हिंदी को राष्ट्रभाषा के रूप में स्वीकार किया गया। इन्दौर में […]
सॉनेट शाला करूँ अर्पण-समर्पण मैं, जगे अभ्यास की ज्वाला। करूँ छंदों का तर्पण मैं, तृप्त हों हृद-सलिल-शाला। भवानी शारदा माता, रखूँगी एक अभिलाषा। सुमति अल्पज्ञ भी पाता, समर्पण ही सहज भाषा। जगाऊँ नाद मैं ऐसे, जगत गूँजे अलंकारों। सकल ब्रह्मांड में जैसे, शबद हुंकार चौबारों। सुगम-सी काव्यमंजूषा। छंद सॉनेट की […]