असंख्य सृजन साहित्य कलाओं,
का सक्षम परिमाण है भारत।
उत्कृष्ट धर्म ग्रन्थ व उपनिषदों का,
प्रत्यक्ष प्रमाण है भारत।
ललित कलित सी भिन्न विधाओं ,
का सुंदर आयाम है भारत,
सर्वसुसज्जित संस्कृतियों का,
पावनतम यह धाम है भारत।
रूप रंग बोली भाषा, ढंग रिवाज़ है अलग-अलग।
अलग-अलग ही है विचार पर,
सदाचार है नहीं अलग।
सबको एक ही धागे में जो रखे,
वह पिरोया छंद है भारत,
भिन्न-भिन्न परिभाषाओं में भी
अभिन्न एक बन्ध है भारत।
नई पुरानी गाथाओं में भी,
सुदृढ़ का अर्थ है भारत।
प्रत्येक क्षेत्र में विजय पताका, फहराने को सामर्थ्य है भारत।
रामायण गीता शिवपुराण जैसा उत्तम मकरंद है भारत।
अटल हिमालय-सा विशाल
हिंद प्रशांत महासागर जैसा
वृहद उपबंध है भारत।
युगों युगों से चलती आई
दिशा का ही पाबंद है भारत।
त्रेता, द्वापर, सतयुग से मिली हुई,
संस्कृतियों का पुण्यमयी आबंध है भारत।।
पुण्यमयी आबंध है भारत।
काजल तिवारी,
शिक्षार्थी, इन्दौर
परिचय-
नाम- काजल तिवारी
जन्मतिथि-09/02
वर्तमान पता-इंदौर।
राज्य-मध्य प्रदेश
ग्राम बाहरी ,जिला सीधी ,
शिक्षा- बी, ए, एल ,एल बी
कार्यक्षेत्र- शिक्षार्थी
विधा _ वीर रस
अन्य उपलब्धियाँ- रेडिओ 91.2fm अन्य कई प्रतियोगिताएं एवं नवरस आदि कवि सम्मेलन
लेखन का उद्देश्य- सांस्कृतिक रुचि ,विचार प्रकटीकरण ,स्वरूचि