कविता- सुसंस्कृत संगठित भारत

4 0
Read Time2 Minute, 3 Second

असंख्य सृजन साहित्य कलाओं,
का सक्षम परिमाण है भारत।
उत्कृष्ट धर्म ग्रन्थ व उपनिषदों का,
प्रत्यक्ष प्रमाण है भारत।
ललित कलित सी भिन्न विधाओं ,
का सुंदर आयाम है भारत,
सर्वसुसज्जित संस्कृतियों का,
पावनतम यह धाम है भारत।

रूप रंग बोली भाषा, ढंग रिवाज़ है अलग-अलग।
अलग-अलग ही है विचार पर,
सदाचार है नहीं अलग।
सबको एक ही धागे में जो रखे,
वह पिरोया छंद है भारत,
भिन्न-भिन्न परिभाषाओं में भी
अभिन्न एक बन्ध है भारत।

नई पुरानी गाथाओं में भी,
सुदृढ़ का अर्थ है भारत।
प्रत्येक क्षेत्र में विजय पताका, फहराने को सामर्थ्य है भारत।
रामायण गीता शिवपुराण जैसा उत्तम मकरंद है भारत।
अटल हिमालय-सा विशाल
हिंद प्रशांत महासागर जैसा
वृहद उपबंध है भारत।
युगों युगों से चलती आई
दिशा का ही पाबंद है भारत।
त्रेता, द्वापर, सतयुग से मिली हुई,
संस्कृतियों का पुण्यमयी आबंध है भारत।।
पुण्यमयी आबंध है भारत।

काजल तिवारी,

शिक्षार्थी, इन्दौर

परिचय-
नाम- काजल तिवारी
जन्मतिथि-09/02
वर्तमान पता-इंदौर।
राज्य-मध्य प्रदेश
ग्राम बाहरी ,जिला सीधी ,
शिक्षा- बी, ए, एल ,एल बी
कार्यक्षेत्र- शिक्षार्थी
विधा _ वीर रस
अन्य उपलब्धियाँ- रेडिओ 91.2fm अन्य कई प्रतियोगिताएं एवं नवरस आदि कवि सम्मेलन
लेखन का उद्देश्य- सांस्कृतिक रुचि ,विचार प्रकटीकरण ,स्वरूचि

matruadmin

Next Post

कविता- बड़ा बनने की कोशिश में मैं

Sun Jul 7 , 2024
जीवन के उत्तरार्द्ध पर उतरते हुए अपनों-परायों के बीच खेलते हुए अब मुझमें भी बड़ा बनने की इच्छा जाग रही है यह हुनर सीखना भी आसान नहीं चूंकि मुझे सीखना था इसलिए गुरु भी ढूंढ लिए आप सोच रहे होंगे इसके लिए मुझे ज्यादा भटकना पड़ा अरे नहीं जी, सब […]

पसंदीदा साहित्य

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।