एक ज़माना वो भी देखा एक ज़माना ये भी, पहले प्रेम रहा,डरने का एक ज़माना ये भी! ००० जब वह आते गाँव हमारे निज कुटिया तक आते, नहीं पता अब है वंदे का एक ज़माना ये भी! ००० पहले आस्था पर था केन्द्रित दुर्गा जी का चंदा, रूप लिया जिसने […]

चिंतन करने से क्या होगा साथ जो चोरों का दोगे, अनुदिन लिखने से क्या होगा साथ जो चोरों का दोगे! ००० ग्राफ बढ़ रहा क्योंकर प्यारे निशिदिन कविता चोरी का, बात ये रटने से क्या होगा साथ जो चोरों का दोगे! ००० मंच सजाते तुम जब सँग में बड़े शौक़ […]

घिर आए हैं मेघ गगन में पंछी भरमाये, मोर नाचते,पीहू-पीहू कोयलिया गाये। धरा प्रफुल्लित दिखे खेत में सरसों है फूली, पिया आएँगे लौट,सोच यह सखि ख़ुद में भूली। फूल खिले उद्यान में दिखते वृक्ष हैं हर्षाये, मोर नाचते,पीहू-पीहू कोयलिया गाये।। तले पकौड़े भाभी-माँ यह देख सुहृद मौसम, खा के पकौड़े […]

लोग कहते वेदना के गीत क्यों गाता सरस, दिल में पलते सुख को अनुभव क्यों न कर पाता सरस! ००० मेरी दृष्टि में दबाना दर्द दिल में है ग़लत, दर्द गर कह दें तो सुख अंतर में लहराता सरस! ००० सुख हमारे आपको दुःख यार ना देने लगें, इसलिए कविता […]

मिसेज शर्मा -अरे आप आज ऑफिस नही गई ? मिसेज वर्मा -हाँ वो मेरी बाई नही आयी ! मिसेज शर्मा -फ़िर वही बहाना क्या ? बड़ी कामचोर है ! लेकिन उसका बच्चा तो अब डेढ़ साल का हो गया होगा ना ! मिसेज वर्मा -हाँ और क्या ! बच्चे की […]

मेरे साथ अगर संभव हो जागो मेरे साथी, प्रेम का दिल में नव उद्भव हो जागो मेरे साथी! ००० शक्ति ज़िन्दगी में है प्यारे सचमुच बहुत ज़रूरी, शक्ति बिना ख़ुद शिव भी शव हो जागो मेरे साथी! ००० दो पहियों पर चलती गाड़ी चाहे धीमे-धीमे, मिले साथ तो जीवन नव […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।