(मातृ दिवस विशेष) माँ है सबसे धन बड़ी, जाने चतुर सुजान। माँ के आशीर्वाद से, मानव बने महान। मानव बने महान, करे जो दिल से पूजा। धरती पर भगवान, नहीं कोई है दूजा। कह बिनोद कविराय, चरणों में तो जहाँ है। बदनसीब वे लोग, जिनके कष्ट में माँ है। […]
बचपन के सब खेल-खिलौने, गुड्डे-गुड़िया,और कुछ सपने। बहना-संग वो हँसी-ठिठोली, कभी झगड़ा,और कभी हमजोली। चिड़िया-सा,दिन-रात चहकना, तितली बन,फिर-फिर उड़ जाना। याद आए वो प्यारी बहनाll जी चाहे,लौटूँ उस पल में, गुड़िया जब आई थी घर में। बोला था उसने जब `भैया`, नाचा था मैं, `ता-ता-थैया`। यादों के सपनीले पलों में, […]