कब तक यूँ श्वेत कपोतों की बिरियानी उन्हें खिलाओगे, कब तक घाटी के असुरों को वीरों का रक्त पिलाओगे। कब तक नापाक पड़ोसी की साजिश में फ़ंसते जाओगे, कब तक समझौतों को कर शहादतों पर हँसते जाओगे। अलगाववाद,आतंकवाद को अलग-अलग मत तौलो जी, वो भी तो आतंकी हैं अब छाती […]