Фанис Джураев Тимурович (Мытищи, Россия). Родной город: Ташкент. Город проживания: Москва. Год рождения: 24.04. Логин в сети Интернет – fanis70, использует мобильный телефон +79261851931 (Viber, WhatsApp). Емаил: fanisdghuraev@gmail.com, Skype-логин fanis240470. Мобильный телефон в Турции – +90 (538) 0598740 (если уже не отключен). Профиль в Facebook.com Post Views: 225

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खो सा गया वो दुनिया के मेले में, पास था कितना अपने वो अकेले में। भुलाकर वो खुद को खुद, पड़ा वो दुनिया के झमेले में। क्यों है तन्हा तू अब भी,संग दुनिया, रहकर भी सोचता है वो अकेले में। इससे बेहतर तो तू तब था जब तू, खोया था […]

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मन का दर्पण देख नर,बाहर भरम अथाह। भेद मिटे सारे सहज, अटल रहे उत्साह।। दर्पण को देखा हुआ, मायावरण विमोह। मन की खिड़की जब खुली,मिटा भरम सब मोह।। दर्पण दर्शन सूरत अरु,बाल क्रिडन त्रय ठाम। भूले से नहि आत है,हरि वल्लभ कौ नाम।। सत्य कहाँ दर्पण कहे,मनचीता कह पाय। मन […]

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‘ज़मीन नहीं बन सकी तो आसमान बन गई यथार्थ से परे बस कल्पनाओं का जहान बन गई….।।’ ऐसा होता तो होगा सबके जीवन में, नहीं तो यह ख़्याल यकायक उफ़ान नही उठाता ज़हन में। इस जीवन रुपी प्रयोगशाला में हम सभी की एक अपनी-अपनी ताख़ है,अलग-अलग आकार के कांच के […]

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इस फ़िल्म का विषय दर्द के साथ चुभन पैदा करता है। फ़िल्म को पहले दृश्य से ही साधे रखा है श्रीजीत मुखर्जी ने। यह फ़िल्म श्रीजीत की ही बंगला फ़िल्म ‘बाजकहिनी’ का हिन्दी रीमेक है। फ़िल्म का ताना-बाना आज़ादी के बाद इंडो-पाक बंटवारे की रेखा है,जिस पर एक कोठा ओर […]

सरकार कहती है `डिजिटलीकरण` करो। बैंक कहते हैं-`अंधाकरण` करो। जब अंधे बैंक लूट सकते हैं,तो बैंक कर्मचारियों को अंधा नहीं कहा जा सकता। आप कैशलेस होना चाहते हैं,बैंक वही तो कर रहे हैं।  आपको कैशलेस और खुद को कैशवान। बैंक नारा देती है-रिश्तों की जमा पूंजी-आपको समझ में नहीं आता […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।