अपने पुरखों को पन्द्रह दिन में याद कर लेना। अपनी अंजुलि में तिल के साथ नीर भर लेना॥ श्राद्ध तर्पण करो पितरों को, तृप्त कर कर के। पुण्य का काम है कर्तव्य बोध कर लेना॥ […]
niraj
याद बहुत आते हैं हमको बालपन के दिन, खड़िया-बोदका,पाटी-बस्ता,पेंसिल वाले दिन। गाय-भैंस का मट्ठा-मक्खन,मावा वाले दिन, खीरा-ककरी,बिही,मकाई की टोररी वाले दिन… याद बहुत आते हैं हमको बालपन के दिन।। खड़िया-बोदका,पाटी-बस्ता,पेंसिल वाले दिन, खिचरी-छुआ-छुउव्वर्,आइस-पाइस वाले दिन, लापची-डंडा,आटा पिल्लो खो-खो वाले दिन.. याद बहुत आते हैं हमको बालापन के दिन.. खड़िया-बोदका,पाटी-बस्ता, पेंसिल […]