अपने पुरखों को पन्द्रह दिन में याद कर लेना। अपनी अंजुलि में तिल के साथ नीर भर लेना॥ श्राद्ध तर्पण करो पितरों को, तृप्त कर कर के। पुण्य का काम है कर्तव्य बोध कर लेना॥                               […]

(विश्व पर्यावरण दिवस विशेष) मुठ्ठी बांध सभी आते हैं, हाथ पसारे जाओगे। लेकिन एक पेड़ की लकड़ी साथ-साथ ले जाओगे। निज जीवन में एक वृक्ष के संरक्षण की शपथ लो, इतना भी न कर पाए तो जन्म-जन्म पछताओगे। मुठ्ठी बांध सभी आते हैं, हाथ पसारे जाओगे। लेकिन एक पेड़ की […]

कर जोड़ कर रहा हूँ अरदास यह विधाता। हर जन्म में मिलाना मुझसे हमारी माता।। माँ-सा सुघड़ सलोना संसार में न दूजा। भगवान तुमसे पहले माँ की करूँगा पूजा। माँ ही गुरु है गोविंद सबसे अटूट नाता। हर जन्म में मिलाना मुझसे हमारी माता।। सर्दी में गीले बिस्तर पर खुद […]

व्राह्मण कुल गौरव भगवान परशुराम जी के, जन्म दिवसोत्सव पर बार -बार वन्दना। शिव के महान भक्त विजया कमानधारी, सती रेणुका के पूत बार-बार वन्दना।। ऋषि जमदग्नि जी के अंशज महान वीर, कर में कुल्हाड़ी जिनके बार – बार वन्दना।। गाय गुरु रक्षा हित क्षत्रिय कुल द्रोही, भगवान परशुराम जी […]

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याद बहुत आते हैं हमको बालपन के दिन, खड़िया-बोदका,पाटी-बस्ता,पेंसिल वाले दिन। गाय-भैंस का मट्ठा-मक्खन,मावा वाले दिन, खीरा-ककरी,बिही,मकाई की टोररी वाले दिन… याद बहुत आते हैं हमको बालपन के दिन।। खड़िया-बोदका,पाटी-बस्ता,पेंसिल वाले दिन, खिचरी-छुआ-छुउव्वर्,आइस-पाइस वाले दिन, लापची-डंडा,आटा पिल्लो खो-खो वाले दिन.. याद बहुत आते हैं हमको बालापन के दिन.. खड़िया-बोदका,पाटी-बस्ता, पेंसिल […]

जय मातु केहरिवाहिनी सब पर कृपा कर दीजिए, हम आपके सब लाल हैं,भवतार पार उतारिए। संसार की सारी चमक चमके तुम्हारे भाल से, संहार दुष्टों का किया श्रंगार मुन्डों के माल से। प्रतिमा तुम्हारी दिख रही नयना नयन अभिराम है, चक्षु नेत्र शोभित आपका काजल जगत की शाम है। तुम […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।