वर्तमान परिदृश्य में देखें तो भारत के सबसे अधिक लोगों के बीच अभिव्यक्ति का,विचार प्रेषित करने का माध्यम हिन्दी भाषा ही है,पर वह सिमटती जा रही है। उसका क्षेत्र कम हो रहा है। आजादी के वक्त जहाँ हिन्दी सम्पूर्ण उत्तर भारत में लोकप्रिय थी और संविधान निर्माताओं ने लक्ष्य रखा […]

अपनी सुख,सुविधा और आराम के प्रति हर व्यक्ति सचेत होता है,परंतु बात जब ट्रेन से सफ़र की होती है तो ये माध्यम `हाई अलर्ट` पर आ जाता है। सबसे पहली चिंता होती है कि,हम समय पर स्टेशन पहुँच जाए,यातायात में फँस जाने पर एक खीझ आती है,फिर हमारा डिब्बा किस जगह […]

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बाबा साहब भीमराव अंबेडकर जयंती विशेष: आज़ाद भारत के वैचारिक समन्वयक बाबा साहब —-अर्पण जैन ‘अविचल‘ धरती जब किसी चरित्रवान् नेतृत्व को जन्म देती है तो निश्चित तौर पर यह नेतृत्व का ही मान नहीं होता बल्कि धरती का भी गौरव स्थापित होता है | एसा ही एक गौरव मालवा […]

अगर हमारे शरीर में केवल पिन चुभ जाए तो हम कराह उठते हैं,सोचो जिन जीवों पर कटार चलती है उन्हें कितनी पीड़ा होती होगी? अगर हम एक मांसाहारी को प्रेरणा देकर शाकाहारी बनाने में सफल हो जाते हैं तो,हमें अड़सठ तीर्थों की यात्रा जितना पुण्य घर बैठे मिल जाएगा। महावीर […]

हमें लगता है कि,पाकिस्तान नाम के दीपक को बुझाने का समय आ गया हैl अब भारत सरकार को इस नेक काम में देरी नहीं करनी चाहिए,क्योंकि हमारे बुजुर्गों ने कहा है `दीपक बुझने से पहले बहुत फड़फड़ाता है`l पाकिस्तान की फड़फड़ाहट की वही सीमा पूरी हो चुकी हैl अब वह समय […]

एक राज्य का बहुत बड़ा राजा था,जो निःसंतान था। वह बहुत ही बड़े राज्य का राजा था,पर संतान न होने की वजह से बेहद परेशान रहा करता था।उसे यह चिंता हमेशा सताती कि मेरे बाद इस राज्य का राजा कौन होगा, मेरी जनता की देखभाल कौन करेगा। वह राजा बेहद […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।