मैं रोकता भी कैसे उसे,जो मेरा हो के भी मेरा नहीं था, मैंने तो रुह की गहराई में जाकर चाहा था उसे… वो हृदयहीन था,समझता क्या जज्बात मेरे। रिश्ते निभाने की फितरत भी खूब थी उसमें, मुझसे ही रिश्ता निभाने की ताब न ला सका। शाख पे लहलहाते फूलों की […]
मानव की सेवा से बड़ा नहीं है कोई काम, दुखियों के दुःख दूर करना वहीं हैं चारों धाम। सबको खुशियाँ बाँटो तुम सबको सुख पहुँचाओ, जाने-अनजाने में भी किसी का दिल न तुम दुखाओ। अपने सद-व्यवहार से सबके तुम बन जाओ, ईंट रेत के घर की बजाय सबके दिल में […]
दृग तुम्हारे नेह का दर्पण अगर तकने लगे, और उर में स्नेह की ज्वाला अगर जलने लगे। जब उमंगों की घटाएं मेघ बन छाने लगे, एकांत के वो मौन भी जब रास यूँ आने लगे॥ चाह जब होने लगे यूँ चँद्रमुख श्रृंगार की, रिक्त-सी लगने लगेगी जब ये गागर प्यार […]
दिल की बातें पढ़ लेता हूं, सुंदर मूरत गढ़ लेता हूं तुम भी मुझसे मिल कर देखो, बिन पंखों मैं उड़ लेता हूं। बात दुखों की मत कुछ करना, दिल की आहें दिल में भरना कौन सुनेगा इस जंगल में, मेरा रोना,तेरा हंसना ? कोई नहीं है,मेरा-तेरा, सब है एक […]
करते हैं व्यवहार जो,आशा के विपरीत। खो देते हैं एक दिन,वे अपनों की प्रीत॥ सिर्फ वही विद्वान है,जिसको है ये ज्ञात। कौन समय पर कौन-सी,उचित रहेगी बात॥ घर आए महमान का,जो करता अपमान। क्या उसका साहित्य है,वो कैसा विद्वान॥ बस उनके वक्तव्य ही,होते हैं अनमोल। समय परख कर बोलते,हैं जो […]
शिक्षक हूँ,कई मुसीबतों से लड़ता हूँ, बच्चों के सुनहरे सपनों को गढ़ता हूँ। लेकर आए हैं बच्चे,मेरे पास कुछ आशा, जानते नहीं अपने,भावी जीवन की भाषा उनकी मूक भाषा को,समझता हूँ,पढ़ता हूँ, बच्चों के सुनहरे,सपनों को गढ़ता हूँ। शिक्षक हूँ….॥ मूल कर्म करने से,कई बार रोका जाता है, गैर शैक्षणिक […]
मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए।
आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं।
कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।