हाहाकार मची चहुँ ओर पसरा सन्नाटा है, कश्मीर से दिल्ली तक बारूद का बोल बाला है। भाषा की अभिव्यक्ति मिली, ये टुकड़े भारत के करते हैं। जिस थाली में ये खाते नापाकी उसमे ही छेद करते हैं। बहुत मांग चुके आज़ादी अब इनको सबक सीखाना है, पथ्थर बाजो को उनकी […]

इश्क में तेरे अब मेरा क्या हाल हो गया, जीने लगा अब मैं, वाह क्या कमाल हो गया, अजनबी,अनजान,अजीबोगरीब था पहले मैं, अब तेरे इश्क-ए-रहमतों से मैं मजबूत ढाल हो गया, न ही नींद,न ही ख्वाब आते थे पहले मुझे, अब तो तेरे रंगीन खयालातों से मालामाल हो गया, बेअसर,बेढंग,बेरंग […]

कुछ कहि कुछ अनकही बात रह गई है लालसा। संपूरित होते सपने अधूरे रह गई है लालसा।। छूँ लूं अपरिमित गगन और मुठ्ठी भर आकाश, किन्तु रह गई है लालसा। दीप बन हरने चली तमस घनघोर रात की स्वर्णिम सबेरा आएगा, रह गई है लालसा।। वट वृक्ष सा परिवार खण्डित […]

मेरी माँ गीत है , प्यार संसार की, मेरी माँ मुझको मिली है, फूल फुलवार की, मेरी माँ हैं गीत हैं ,प्यार संसार की, मेरी माँ मुझको मिली है,फूल फुलवार की, पानी में भी खिले वो, मैथिल कमल सरोज है। दीप की बाती वही, मुख मेरी वो ओज है।। मेरी  […]

तेरे जाने से,अब ये शहर वीरान हो गया, तेरे जादू का असर अब जाने कहा खो गया, तेरी पायल की झंकार से, ये सारा शहर जाग जाता था, अब उन झंकारो का खतम नामों-निशान हो गया, बहुत ढूँढ़ा मैनें तुझे मुशाफिरों की तरह, भटकता रहा,छिपता रहा,कायरो की तरह, अब तक […]

           मां मां देवी का रूप है,      ममता की है खान। करे तपस्या शिशु हित में धरती की भगवान।।            पिता पिता  हृदय सागर बसे,   पर्वत सा जो गम्भीर। कठोर बने पुत्र हित में   सँवार दे तकदीर।।   […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।