बात मार्च माह की है,जब सर्दियों का मौसम धीरे-धीरे खिसक रहा था और ग्रीष्म ऋतु दहलीज पर थी। विवान अपनी कक्षा 12वीं की परीक्षाओं की तैयारियों में पूरी तरह से व्यस्त था,क्योंकि विवान ने पहले से निश्चय कर लिया था की इस वर्ष कक्षा 12वीं वह प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण […]

वह सौर्य ध्वज का वाहक        परचम उसे लहराना था। है अभिनव अमिट नवीन भारत अभिनंदन को वापस आना ही था। गीदड़ नाहर को कैसे रोके   आंखों से निकले वो शोला है। सर पर कफ़न बांध के निकला पहना बासन्ती चोला है। है गर्व हमें तेरी वीरता […]

हम चैन से सोते है घर पे सारी रात भर, क्योंकि जवान है सीमा पे खड़े सीना तान कर, हम मनाते हैं घर पे सारे पर्वों को परिवार के ही साथ, उसकी भी सोचों जो जा न पाते किसी त्योहार पे भी घर, कितने सालों से बहन ने भाई की […]

हर रोज उस चांद में बस तुम्हारा ही दीदार करते है, सुनो न आज भी सिर्फ तुमसे ही प्यार करते है, अब तो तन्हा बैठ आसमां को निहारा करते है सारी रात, अब तो आकर चाँद सितारें भी करने लगे है मुझसे बात, रात भर जाग-जाग कर अभी भी सिर्फ […]

हे माँ सरस्वती हे माँ शारदे ! वीणावादिनी माँ सदा ज्ञान का प्रसार दे ! जल-थल-नभ में भी सदा तेरी गूंज हैं, ज्ञान की माँ देवी तू सर्वत्र सदा पूज्य हैं, माँ तू सबको देती सदा ज्ञान का वरदान है, करुणामयी माँ मेरी तू सबसे महान है, तम मिटा के […]

तड़प उठा है हिंदुस्तान दहक रही सीने में ज्वाला है। नापाकी तेरी करतूतों ने   ह्रदय छलनी कर डाला है। जब भी हमने दोस्ती का पैगाम आगे लाया है। खूनी होली खेलकर तूने कायरता दिखाया है। अब शब्दबाण से नही       अग्नि वर्षा से बात होगी। शहीदों की […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।