आदमी परेशान दिखता है। बिक रहा ईमान दिखता है। बिखरते हुए सपने दिखे, मिट रहा अरमान दिखता है। कदर करता नही जज्बात की, आदमी यहां हैरान दिखता है। अपनापन जताए भी तो किससे, शख्स यहां अनजान दिखता है। अपनों ने ही बेगाना बना दिया ‘सागर’ जीना नहीं आसान दिखता है। […]