दुनिया का एक सितारा चला गया ,
अपनो का प्यारा चला गया ,
अपनो को छोड़कर दूर गया ,
दिल से यूँ मजबूर हो गया ,
पूरी दुनिया पर छां गयी ,
यूँ सबको लुभा गयी ,
खूबसुरती की रानी गूम हुयी ,
सबकी दिलो को छुकर यूँ सो गयी ,
जाहवी ख़ुशी बोनी को पिछे छोड़ गयी ,
अपनो से मुहं मोड़ गयी ,
चाँद की चांदनी चली गयी ,
सपनो मे जाकर विलिन हूयी ,
नाम श्रीदेवी से विख्यात हूयी ,
जाते – जाते अपनो को देवी बना गयी ,
पूरी दुनिया की प्यारी थी ,
मेरी दिल की न्यारी थी ,
दुनिया मे जब तक सुरज चाँद रहेगा ,
श्रीदेवी का नाम रहेगा !
#रुपेश कुमार
परिचय : चैनपुर ज़िला सीवान (बिहार) निवासी रुपेश कुमार भौतिकी में स्नाकोतर हैं। आप डिप्लोमा सहित एडीसीए में प्रतियोगी छात्र एव युवा लेखक के तौर पर सक्रिय हैं। १९९१ में जन्मे रुपेश कुमार पढ़ाई के साथ सहित्य और विज्ञान सम्बन्धी पत्र-पत्रिकाओं में लेखन करते हैं। कुछ संस्थाओं द्वारा आपको सम्मानित भी किया गया है।
बधाई रूपेश कुमार जी
गुलाब चंद पटेल