सिपाही बनकर आऊंगा

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mukesh sing
(भारतीय सेना दिवस विशेष)
मरने का शौक नहीं मुझे भी,
जीवन से मुझको प्यार है।
पर डरता नहीं जरा भी मैं,
बस अपना भी एक परिवार है॥
गोलियां छूती हैं जब कानों को,
बच्चों का चेहरा नजर आ जाता है।
चुभती है जब गोली कहीं,
मां के आंसू का डर सताता है॥
पर देश बड़ा हर रिश्ते से,
मन में जब ख्याल आता है।
तब भारत मां का बेटा बन,
बन चट्टान सीमा पे अड़ जाता है॥
हिम की ठंडक में भी,
जब देशप्रेम का नशा चढ़ जाता है।
गोलियों की बौछारों में
हर मौसम कहीं खो जाता है॥
आग उगलती ताप जब,
इस धरा को झुलसाता है।
पारा जब सिर पे चढ़,
पंखों में आग लगाता है॥
ऐसी भीषण तपन से भी,
मैं न कभी घबराता हूं।
लहराते तिरंगे की शोभा से
मैं ज्वालामुखी बन जाता हूं॥
क्या वर्षा-क्या तूफान-ए-कहर,
हर संकट से टकरा जाऊंगा।
कर्तव्य पथ पे चलते हुए मैं,
भारत मां का गौरव बढ़ाऊंगा॥
बस बचा लेना तुम मुझे,
अन्दर छुपे हैवानों से।
पत्थरबाजी वाले बिके हुए बेईमानों से,
चंद बुद्धिजीवी-नेता और चालाक हुक्मरानों से॥
नहीं मुझे है भय,
अपना जीवन खोने का।
मन में डर बना हुआ है,
अपनों के छले जाने का॥
हिंद का सिपाही हूं मैं,
हर संकट से लड़ जाऊंगा।
साथ रहना तुम मेरे,
हर जन्म सिपाही बनकर आऊंगा॥
           # मुकेश सिंह
परिचय: अपनी पसंद को लेखनी बनाने वाले मुकेश सिंह असम के सिलापथार में बसे हुए हैंl आपका जन्म १९८८ में हुआ हैl 
शिक्षा स्नातक(राजनीति विज्ञान) है और अब तक  विभिन्न राष्ट्रीय-प्रादेशिक पत्र-पत्रिकाओं में अस्सी से अधिक कविताएं व अनेक लेख प्रकाशित हुए हैंl तीन  ई-बुक्स भी प्रकाशित हुई हैं। आप अलग-अलग मुद्दों पर कलम चलाते रहते हैंl

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।