तीन रंगो का तिरंगा प्यारा
तीन अंगो की सेना है
हवा में दिख रहा परचम हमारा
जल थल अभी बाकी है।
हर घर में वीर है यहाँ
हर जिस्म में दौडता लहू
जिनको प्राणो से देश प्यारा है
रग रग में बसा कश्मीर प्यारा है।
आजाद भारत की कहानी
वीरो की गाथा से भरी हुई
मिग 16 क्या है
देखो सूखोई ने उड़ान अभी है भरी।
हिन्द की तरफ उठे बुरे आँख
वो आँख खाक में मिल जएगा
जिन्दा रहे न रहे हम
भारत माँ को आँच न आयेगा।
वीरो की गाथा बनकर
इतिहास के पन्नो में
दर्ज होने को तैयार है
देखना है बाजुओ में
कितना दम सामने से
तू दिखाने को तैयार है।
“आशुतोष”
नाम। – आशुतोष कुमार
साहित्यक उपनाम – आशुतोष
जन्मतिथि – 30/101973
वर्तमान पता – 113/77बी
शास्त्रीनगर
पटना 23 बिहार
कार्यक्षेत्र – जाॅब
शिक्षा – ऑनर्स अर्थशास्त्र
मोबाइलव्हाट्स एप – 9852842667
प्रकाशन – नगण्य
सम्मान। – नगण्य
अन्य उलब्धि – कभ्प्यूटर आपरेटर
टीवी टेक्नीशियन
लेखन का उद्द्श्य – सामाजिक जागृति