सरस्वती वंदना

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rahul vyas
वीणावानी सुर मधुर विकास दे,
श्वेतवस्त्री ज्ञान को निखार दे।
वाणी मुझे ऐसी दे जो ओरों को प्रखर सके,
विद्या दे तो ऐसी दे जो ओरों को समझ सके।
खुद से पहले दूसरे का;ऐसा भी तू ज्ञान दे,
होगा सर्वसम्मति से ऐसा वरदान दे॥
शारदे माँ! सत्यता रहेगी पूरी सृष्टि में,
हंसवाहिनी; रहेंगे पूरी दृष्टि में।
रोद्र रूप में छिड़ी वीणा की झंकार है,
देशद्रोहियों का ये पाप का प्रकार है।
चंद टुकड़ों पर बिकने का अब नाश हो,
भारतवर्ष ऐसा हो,जहाँ सरस प्रकार हो॥
वाग्देवी,ज्ञानमुद्रि! एकता का सार दे,
नफरतें मिटा सकें,ऐसा सबको प्यार दे।
ईरा;तेरी वंदना करुं मैं पूरी भक्ति से,
अखंडता समाई रहे पूरी राष्ट्रशक्ति में॥
वीणावानी सुर मधुर विकास दे,
श्वेतवस्त्री ज्ञान को निखार दे॥
               #राहुल व्यास
परिचय : राहुल व्यास की जन्मतिथि-१७ दिसम्बर १९९३ और जन्म स्थान-धार (मध्यप्रदेश) है। फिलहाल दिल्ली राज्य में आपका निवास है और कर्मभूमि भी यही है। बी.एस-सी. तक शिक्षित श्री व्यास का कार्यक्षेत्र-दूरदर्शन(दिल्ली) है, जबकि सामाजिक क्षेत्र में अ-सरकारी संगठन से जुड़कर समाजसेवा करते हैं।  लेखन में आपकी विधा-ओज है। आप ब्लॉग पर भी लिखते रहते हैं। आपकी लेखनी के नाम दो साझा संग्रह का प्रकाशन है। सम्मान में ‘नगर गौरव’ एवं कई साहित्यिक संस्थाओं से प्रशंसा पाई है। राहुल व्यास की उपलब्धि यह है कि,  ३० विद्यर्थियों को बाल वैज्ञानिक बनाने में सहयोग किया है। आपके लेखन का उद्देश्य-देश हेतु लिखना और हिंदी भाषा का अधिक से अधिक प्रचार करना है। 

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।