क्यों आए तुम,क्यों चले गए

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k johan
क्यों आए तुम,क्यों तुम चले गए,
एक एहसास कुछ नया-सा दे गए।
सपना कहूं या सुगन्ध जो दे गए,
पर सही है कि कुछ नया-सा दे गएl
देते-देते कुछ अपने साथ भी ले गएll

क्यों आए तुम,क्यों तुम चले गए,
नियंत्रण नहीं है उस एहसास के बाद
करवटें भी कमजोर हो गई सोने के बाद,
सपने भी खो गए इस मुकाम के बादl
रास्ते ही रुक गए इस एहसास के बादll
क्यों आए तुम,क्यों तुम चले गए,
आगे चलने से अब डर लगने लगा हैl
सोचने से सोचना अब दूर होने लगा है,
कुछ समझाना अब मुश्किल होने लगा हैl
खुद की खता का एज़ाज होने लगा हैll

क्यों आए तुम,क्यों तुम चले गए,
लगता है कि सूरज-चाँद भी कहीं सो गएl
मुकाम पर पहुँचने के रास्ते भी खो गए,
सलामत रहने का इलाज भी ले गएl                                                                  मलाल है कि,साथ मंजिल भी ले गएll

                                                            #डॉ. किशोर जॉन
 
परिचय : सहायक प्राध्यापक (पुस्तकालय एवं सूचना विज्ञान)  डॉ. किशोर जॉन मध्यप्रदेश के इंदौर में ही रहते हैंl वर्तमान में विशेष कर्त्तव्य अधिकारी के पद पर अतिरिक्त संचालक(उच्च शिक्षा विभाग,इंदौर संभाग) कार्यालय में इंदौर में पदस्थ हैंl  पुस्तकालय एवं सूचना विज्ञान सहित वाणिज्य एवं व्यवसाय प्रबंध में आप स्नातकोत्तर हैंl  आपको  23 वर्ष का शैक्षणिक एवं प्रशासकीय अनुभव है तो, राष्ट्रीय-अन्तराष्ट्रीय स्तर पर 30 से अधिक शोध-पत्र प्रस्तुत एवं प्रकाशित किए हैं, एवं 3 पुस्तकों के सम्पादक भी रहे हैंl 

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।