मास सावन लाया है ठंडी बहारें,
मध्यम हवाएं..हल्की फुहारें..l
देखकर मेरा मन ये मचलने लगा,
याद करके तुझे बिलखने लगा..l
मास सावन अनूठा मौसम मिलन का,
बिन तेरे सूना है दिल का हर एक कोना..l
जो तुम होते हो होती रोशन फिजाएं,
लगता सबकुछ ही प्यारा,न रोती ये आँखेंl
मास सावन में तुम आओ गले से लगाने,
दिल में लग रही है जो वो प्यास बुझाने…l
जब ये बारिश की बूंदें छूती है मुझको,
तब तेरी कमी खलती है मुझको..l
मास सावन लाया है ठंडी बहारें,
मध्यम हवाएं..हल्की फुहारें..ll
परिचय : राहुल सेठ उदयपुर जिले के गांव-थोबावाड़ा (राजस्थान) में रहते हैंl हिन्दी शायरी और कविता का शौक रखते हैं,साथ ही ब्लॉग पर भी लेखन में सक्रिय हैंl
Jordar rahul bhai
Bahot umda
Gajab mere bhai
thnq bhai
thnq bhai
Mahol Bhai.. love you brother