भारत का जबाब

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kanak

बुधवार आधी रात को,

भारतीय सेना ने 
जबाव दिया आतंकवाद को।
पीओके  की जद में
सैनिक थे हरकत में।

१५० सैनिकों का समूह,

आतंकी ठिकाने 
७ किए नेस्तेनाबूत।

उरी हमले में 
१९ जवानों को हमने गंवाया था,
इस हादसे ने पूरे देश को
खून के आँसू रुलाए थे।
मोदी ने जनता को 
न्याय का विश्वास दिलाया था,
सभी ने अपने दिलों में
बदले की आग को जलाया था।


पाक के चेहरे से 

मोदी ने 
अंर्तराष्ट्रीय स्तर पर परदा उठाया है,
आज फिर भारत ने 
पाक को चेताया है।
नहीं सहेगी..
सर-जमीन-ए-हिन्दुस्तान 
अब पाक के घात को,
बुधवार आधी रात को 
भारतीय सेना ने 
जबाव दिया आतंकवाद को।

बाहरी तौर पर भी 
पाक को घेरा है,
देख लो 
तुम्हारी ही पनाहों में
आतंक का घेरा है,
सिंधु की धारा को 
हम रोकेंगे,
अब भी न सुधरे
तो हम ठोंकेंगे।


दोस्ती और अमन वार्ता

ये समझते नहीं,
‘सीज फायर’ का उल्लंघन 
ये रोकते नहीं।

जनता के अटूट विश्वास को
भारतीय सेना ने 
टूटने न दिया,
किया थोड़ा इंतजार 
पर,भारत की शान को 
न लुटने दिया। 


बिना भारी नुकसान के

दे अंजाम ,
‘सर्जिकल स्ट्राइक’ को 
लौट आए,
वतन के रखवाले शान से।
गूंज रहे हैं 
‘भारत माँ के जयकारे’
कोने-कोने में
सम्मान करते हैं हम
सूझबूझ भरे इस काम को
बुधवार आधी रात को…॥

                                                                            #कनक दाँगी ‘बृजलता’
परिचय : कनक दाँगी ‘बृजलता’ का जन्म १० मार्च १९९५ में वृन्दावन(मथुरा, उ.प्र.)में हुआ है।आपका निवास वर्तमान में मध्य प्रदेश के गंजबासौदा में है। बीएएलएलबी में अध्ययनरत होकर लेखन से जुड़ी हैं। काव्याग्रह (कविता संग्रह) प्रकाशित रचना है तो,स्थानीय तथा प्रदेश के पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशन होता रहता है। आगामी कहानी संग्रह प्रकाशाधीन है। कविता, कहानी,लेख,उपन्यास और नाटक विधा में लेखन करती हैं। साथ ही चित्रकारी,नौ भाषाओं के ज्ञान व अंकशास्त्र और ज्योतिष के साथ समस्त धर्म शास्त्रों का अध्ययन है।

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7 thoughts on “भारत का जबाब

  1. poem padhne me nahi yrtumhari aavaj me sunne m achi lagti h wase mane sunil h ye puri poem about achi

  2. अति उत्तम रचना, हार्दिक बधाई ।

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