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तुम और सिर्फ तुम मुझे मुझसे चुरा लेते हो,
मेरे यार लाज़वाब हो,कमाल करते हो।
पानी में घुमा देते हो उंगलियां अपनी ‘ज़ाम’ कर देते हो,
मेरे यार लाज़वाब हो,कमाल करते हो।
तकलुफ़्फ़ मुझे नहीं नज़रों को है मेरी,
महफ़िल में भी काजल चुरा लेते हो,
मेरे यार लाज़वाब हो,कमाल करते हो।
हम लिख रहे हैं ‘तुम’ पर और ज़माना पढ़ रहा है ये क्या तेरा असर है,
मेरे यार लाज़वाब हो,कमाल करते हो।
लाख नकाबों में छुपी रहूँ, पहचान ही लेते हो अंदाज़-ए-नज़र से मेरी,
मेरे यार लाज़वाब हो,कमाल करते हो॥
#हरप्रीत कौर
परिचय : मध्यप्रदेश के इंदौर में ही रहने वाली हरप्रीत कौर कॊ लेखन और समाजसेवा का बेहद शौक है।आपने स्नातकोत्तर की पढ़ाई समाजकार्य में ही की है। कई एनजीओ के साथ मैदानी काम भी किया है। आपकी उपलब्धि यही है कि,2015 में महिला दिवस पर इंदौर की 100 महिलाओं में इन्हें भी समाजकार्य हेतु सम्मानित किया गया है। आप वर्तमान में महिला हिंसा के विरुद्ध कार्यरत हैं तो,कौशल विकास कार्यकम तथा जनजागरूकता के कार्यों से भी जुड़ी हुई हैं।
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वाह नेता वाह छा गए
kya khub likha