क्यों लुट गया सारा अमन?

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naveen mani

पूछिए मत क्यों हमारी शोखियाँ कम पड़ गईं।
जिंदगी गुजरी है ऐसे आंधियाँ कम पड़ गईंll 

भूख के मंजर से लाशों ने किया है यह सवाल।
क्या ख़ता हमसे हुई थी,रोटियां कम पड़ गईंll 

जुर्म की हर इंतिहा ने कर दिया इतना असर।
अब हमारे मुल्क में भी बेटियां कम पड़ गईंll 

मान लें कैसे,उन्हें है फिक्र जनता की बहुत।
कुर्सियां जब से मिली हैं,झुर्रियां कम पड़ गईंll 

इस तरह बिकने लगी है मीडिया की साख भी।
जब लुटी बेटी की इज्जत,सुर्खियां कम पड़ गईंll 

मैच फिर खेला गया कुर्बानियों को भूलकरl
चन्द पैसों के लिए रुसवाइयाँ कम पड़ गईंll 

मत कहो `हीरो` उन्हें तुम,वे खिलाड़ी मर चुके।
दुश्मनों के बीच जिनकी खाइयां कम पड़ गईंll 

हो गया नीलाम बच्चों की पढ़ाई के लिए।
जातियों के फ़लसफे में रोजियाँ कम पड़ गईंll 

क्यों शहर जाने लगा है गांव का वह आदमी।
नीतियों के फेर में आबादियां कम पड़ गईंll 

देखते-ही-देखते क्यों लुट गया सारा अमन।
कुछ लुटेरों के लिए तो बस्तियां कम पड़ गईंll 

सिर्फ अपने ही लिए जीने लगा  है आदमी।
देखिए अहले चमन में नेकियाँ कम पड़ गईंll 

यह सही  है बेचने वह  भी  गया ईमान को।
गिर गया बाज़ार,सारी बोलियाँ कम पड़ गईंll 

                                                                             #नवीन मणि त्रिपाठी

परिचय : नवीन मणि त्रिपाठी कानपुर(उत्तरप्रदेश)के अर्मापुर रियासत में रहते हैंl आपका जन्म १९७५ का हैl 

matruadmin

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।