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जैसी करनी वैसी भरनी
यही अध्यात्म की सीख
जो भी इंसान पाप करे
उससे न हो कभी प्रीत
पाप का घड़ा भरता है
पाप का फल भी मिलता है
राजा हो या फिर रंक
करनी का दण्ड मिलता है
पाप कर्म जिसने किये
आत्मा बोझिल उसकी हुई
जिसने किये अपराध जगत मे
जिंदगी नरक उसकी हुई
दुष्कर्म छोड़ो सद्कर्म करो
मानव होकर मानवता धरो
चरित्र हमारा रहे उज्ज्वल
परमात्म ध्यान हमेशा करो।
#श्रीगोपाल नारसन
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