मुझे विषय मत बनाओ

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बड़ी करिश्माई चीज़ है `औरत`,
जिसे देखिए वह कहता है
जिसे देखिए वह लिखता है,
हर कोई समझने की कोशिश करता हैll
कोई उलझी कहता है,
कोई सुलझी कहता है
कोई आंसू कहता है
कोई मोती कहता है
कोई अबला बनाता है
कोई शक्ति बनाता हैl
कहीं भोग्या,
कहीं त्याज्या
कोई अस्तित्व को बचाए,
कोई व्यक्तित्व को मिटाए
कहीं शेष,कहीं अवशेष
‘औरत’ विषय अशेष,,,, l
बस एक विषय बन के खड़ी,
नित नई अभिव्यक्ति
मुँह उठाए बढ़ी
छोड़ दो न उसे,
अपने हाल पर,,,,
इन्सान समझो उसे
क्यों कसते हो
बस कलम-कागज़ की
विसात परl
सम्मान की गुहार नहीं,
उसे सम्मान चाहिए
अपने वजूद का..
उचित स्थान चाहिए
उसे सहानुभूति की
पुचकार नहीं,
बस अपना
आत्मसम्मान चाहिएl

निवेदन मेरा यह आपसे,
इन्सान मैं भी हूँ,

मुझे विषय मत बनाइए
मेरे स्त्रैण को
मेरा मानवीय गुण समझिए,
इसे प्रतियोगताओं,मोर्चों
और दिवस की चर्चा मत बनाइए..
उसे इंसान रहने दीजिए
विषय मत बनाइए,,, l

 ———————-#लिली मित्रा
फरीदाबाद
परिचय : इलाहाबाद विश्वविद्यालय से स्नातकोत्तर करने वाली श्रीमती लिली मित्रा हिन्दी भाषा के प्रति स्वाभाविक आकर्षण रखती हैं। इसी वजह से इन्हें ब्लॉगिंग करने की प्रेरणा मिली है। इनके अनुसार भावनाओं की अभिव्यक्ति साहित्य एवं नृत्य के माध्यम से करने का यह आरंभिक सिलसिला है। इनकी रुचि नृत्य,लेखन बेकिंग और साहित्य पाठन विधा में भी है। कुछ माह पहले ही लेखन शुरू करने वाली श्रीमती मित्रा गृहिणि होकर बस शौक से लिखती हैं ,न कि पेशेवर लेखक हैं।

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।