गाँव की होली…

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होली आते ही मुझे
याद गाँव की आ गई।
कैसे मस्ती से गाँव में
होली खेला करते थे।
और गाँव के चौपाल पर
होली की रागे सुना थे।
अब तो ये बस सिर्फ
यादे बनकर रह गई।।
क्योंकि

मैं यहां से वहां
वहां से जहां में।
चार पैसे कमाने
शहर जो आ गया।।

छोड़कर मां बाप और
भाई बहिन पत्नी को।
चार पैसे कमाने
शहर आ गया।
छोड़कर गाँव की
आधी रोटी को।
पूरे के चक्कर में
शहर आ गया।
अब न यहाँ का रहा
न वहाँ का रहा।
सारे संस्कारो को
अब भूल सा गया।।
चार पैसे कमाने….।

गाँव की आज़ादी को
मैं समझ न सका।
देखकर शहर की
चका चौन्ध को।
मैं बहक कर गाँव से
शहर आ गया।
और मुँह से आधी रोटी
भी मानो छूट गई।।
चार पैसे कमाने…।

सुबह से शाम तक
शाम से रात तक।
रात से सुबह तक
सुबह से शाम तक।
मैं एक मानव से
मानवमशीन बन गया।
फिर भी गाँव जैसा मान
शहर में न पा सका।।
चार पैसे कमाने
यहाँ वहाँ भटकता रहा।
छोड़कर गाँव को
मैं शहर आ गया।।

आज होली के दिन
रंगो के उड़ते ही।
रंगों के जैसे यादों के
भाव वापिस आने लगे।
पर जिंदगी को अपनी
वहाँ से कहाँ तक ला दिया।
और भूल से गये शहर में
अब तो होली खेलना।

कहाँ गाँव का अब चौपाल है
और कहाँ सुर ताल है।
बस पैसों के सूर ताल में
भूल रहे है त्यौहारो को।
और शहरो में हम आप
बस बंद है चार दिवारी में।
बस बंद है चार दिवारी में।।

आप सभी को होली की बहुत बहुत बधाई और शुभ कामनाएं।

जय जिनेंद्र देव
संजय जैन मुंबई

matruadmin

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।