दुनियां के बाजारों में
भारत के बाजार अच्छे है।
तभी तो विश्व की नजरे
भारत पर लगी रहती है।
हर कोई अपना माल
भारत में बेच रहा है।
और अपने देशों को
सुदृण वो बना रहा है।।
सब कुछ बिकता हैं
भारत के बाजार में।
सौदा फायदे का हो
या फिर हो घाटे का।
पर बेचकर जाता है
हर हाल में बिक्रेता।
क्योंकि साहूकार को
पैसा देना पड़ता है।।
कितने वर्षो से यह व्यवस्था
भारत में चली आ रही है।
हर सुबह साहूकार पूंजी देता
इन छोटे छोटे व्यापारियों को।
शाम को लाभ का आधा
ले लेता है साहूकार।
और मेहनत के बदले
आधा रहता व्यपारियों का।
जिसे कारण पेट भर पाते
ये अपने परिवारों का।।
आजादी मिले भारत को
कितने साल बीत गये।
पर हालात आज भी
जैसे के तैसे बने हुये है।
चारो तरफ अंधेर नगरी
चौपट राजा का बोलबाला है।
हर भूखे के पेटो का अब
छिन लिया निवाला है।।
जय जिनेंद्र देव
संजय जैन (मुंबई)