0
0
Read Time35 Second
देश के देखो ऐसे अब हालात है
अच्छे दिन सिर्फ कहने की बात है
अफसर बिक गए,बिक रहे नेता भी
हो रही सब तरफ मुक्का लात है
मौसम पर भी अब भरोषा नहीं
हो रही देखो बेमौसम ये बरसात है
सो गया देख लो और ज़मीर मर गया
आदमी की दो कौड़ी की औकात है
सेवक जिसे कहते रहे भक्षक बन गए
रूप इंसानों में हैवानों की जात है
-किशोर छिपेश्वर”सागर”
बालाघाट
Post Views:
417