आधुनिक समाज को सहनशील बनना होगा।

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आधुनिक समाज एकल परिवार में लीप्त हो एक गहरी खाई की तरफ जाती हुई प्रतीत हो रही है।आज की सामाजिक ताना बाना सिमटती जा रही है लोग सिमट कर अपने आप के लिए ही रह रहे हैं जबकि पहले का परिदृश्य कुछ और था।एक सामाजिक सौहार्द जो अब बिखरे लगा है ।सामाजिक परिदृश्य में देखा जाया तो विगत तीन दशक में संयुक्त परिवार समाज में ना के बराबर है वहीं एकल परिवार की संख्या दिन प्रतिदिन बढ़ रही है।आज के संर्दभ में कहा जा सकता है कि सामाजिक सांस्कृतिक विघटन का कारण यह एकल सभ्यता है जो शायद हमारी पहचान भुलाने वाली और डरावनी है।बच्चे बूढ़े सभी प्रताड़ित है ।क्या यह समाजिक विघटन का कारण नही है? कुल मिलाकर देखा जाय तो संयुक्त विचारधारा ही हमारी सभ्यता की रक्षक और सांस्कृति का मार्ग सुदृढ़ करती थी।

यह सामाजिक विखराव विगत दशकों में तेजी से परीलक्षित हुई है।लोग अब सिमट कर अपने में लीन है जिससे सामाजिक विघटन होना स्वभाविक है।हाल के दिनों में यह सामाजिक पतन कुछ विस्तृत रूप में देखने को मिला है।सूयुक्त जीवनशैली अब न के बराबर है।

संयुक्त जीवनशैली में ज्ञान के साथ विभिन्न तरह के त्योहारों का भी ज्ञान मिलता था जिसके बदौलत सामाजिक विकास और संस्कृति का विकास होता था।आज के इस समाज में वैसी परिकल्पना नहीं की जा सकती जैसा कि दशको पहले था कुल मिलाकर देखा जाय तो आज का दौर सामाजिक विघटन का दौर है जो हमारी संस्कृति को सहेजने में सक्षम नहीं है।

आशुतोष झा

matruadmin

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।