जो तेरे जज्बातों को जुबान पर आने से पहले ही जान जाते हैं,
वो माँ बाप ही होते हैं जो तेरे चेहरे से तेरी परेशानी को पहचान जाते हैं.
तेरी खातिर सोलह सोमवार व्रत रहते, उदास ग़र तू हो तो वो भी खुश रह पाते कहाँ है,
मौका मिले तो तलाशना उनके कपड़े कभी कि वो अपनी परेशानियाँ तुझसे छुपाते कहाँ हैं.
तेरी जरा सी तबीयत खराब होने पर जो भगवान से भी लड़ जाते हैं,
वो माँ बाप ही होते हैं जो अपनी जरूरतें रोककर तेरी ख्वाहिशों को मुकम्मल बनाते हैं.
अनुभव मिश्रा
फर्रुखाबाद, उत्तर प्रदेश
परिचय-
नाम- अनुभव मिश्रा
साहित्यिक उपनाम- अनुभव मिश्रा (#Heartlyimaginations)
जन्मतिथि- 03/ 08/ 2001
वर्तमान पता- 5/38, छक्का नाजिर कूँचा, फर्रुखाबाद
राज्य- उत्तर प्रदेश
शहर- फर्रुखाबाद
शिक्षा- श्री दुर्गा नारायण परास्नातक महाविद्यालय से B.Com का छात्र
कार्यक्षेत्र- विद्यार्थी
विधा – कविता
प्रकाशन- “ज़ज्बात अल्फाजों में” पुस्तक, Amazon, Flipkart पर उपलब्ध है
सम्मान- मधुशाला काव्य गौरव सम्मान, मधुशाला गौरव सम्मान, नव उमंग साहित्यिक सम्मान, जश्न ए आगाज, होर्न ओके प्लीज, घर पर चलेगा पेन, क्रिएटर्स फेस्टिवल 2.0, हर्ष आगाज के अतिरिक्त अन्य भी कई सम्मान
अन्य उपलब्धियाँ- दैनिक विजय दर्पण टाईम्स(मेरठ), दैनिक नवीन कदम(छत्तीसगढ़), अमर उजाला काव्य आदि समाचार पत्रों में प्रकाशित लेखक
लेखन का उद्देश्य- साहित्यिक रुचि