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श्राद्ध की सप्तमी तिथि मे
ईश्वरीय अनुकम्पा हुई थी
नये शरीर मे आत्मा हमारी
अवतरित धरा पर हुई थी
पूर्व जन्म के सद्कर्मों से
प्रकाशवती मां बनी हमारी
इस जन्म में कुछ अच्छा करुं
पिता ऊंगली पकड़ चले हमारी
जीवन के कठिन संघर्षों में भी
पिता मदन लाल ने हार न मानी
संस्कार-शिक्षा से सींचा हमको
सफलता की बस यही कहानी।
#श्रीगोपाल नारसन
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